श्री त्रिनेत्र गणेश जी के चमत्कार — जब भगवान ने बचाई एक जीवन

मंजू सोनी – रणतभँवर गणेश परिवार की समर्पित भक्त


हर भक्त के जीवन में कभी न कभी ऐसा क्षण आता है, जब उसका भरोसा, उसकी श्रद्धा और उसका विश्वास किसी ईश्वरीय शक्ति से टकराता है। और जब यह शक्ति होती है स्वयं श्री त्रिनेत्र गणेश जी की, तो चमत्कार होना तय है।

आज हम एक ऐसी ही चमत्कारी घटना साझा कर रहे हैं, जिसने न केवल एक जीवन को मृत्यु के मुख से वापस खींचा, बल्कि यह सिद्ध कर दिया कि जब त्रिनेत्रधारी गणेश जी की कृपा हो, तो असंभव भी संभव हो जाता है।


🌺 जब एक कदम मौत की ओर था, पर हाथ थाम लिया भगवान ने…

यह कहानी है श्रीमती मंजू सोनी की, एक अत्यंत श्रद्धालु भक्त जिनकी आत्मा में त्रिनेत्र गणेश जी का वास है। एक सामान्य दिन था, जब मंजू जी किसी आवश्यक कार्य से ट्रेन में यात्रा कर रही थीं। स्टेशन पर उतरते समय उनका पैर फिसला और वे सीधे चलती हुई ट्रेन के नीचे आ गईं।

मौके पर मौजूद लोगों के लिए यह एक ऐसा दृश्य था जिसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। चारों ओर चीख-पुकार, खून से सना प्लेटफॉर्म… सबको यही लगा कि अब मंजू जी का बचना असंभव है।

परंतु भगवान श्री त्रिनेत्र गणेश जी की कृपा उस दिन आकाश से उतर कर ज़मीन पर उतर आई थी।


🙏 चमत्कारिक जीवनदान

जहाँ कोई आशा नहीं बची थी, वहाँ एक चमत्कार हुआ — मंजू जी की जान बच गई। हालांकि इस भयंकर दुर्घटना में उन्हें अपने दोनों पैर गंवाने पड़े, पर डॉक्टरों ने भी इसे ‘मेडिकल मिरेकल’ बताया कि इतने गहरे घाव और ज़ख्मों के बावजूद उनके शरीर में कोई आंतरिक चोट नहीं थी।

कुछ महीने वे बिस्तर पर रहीं, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर दिन वे श्री गणेश जी के दर्शन करतीं, उनके भजन सुनतीं, और अपने मन में सिर्फ एक ही विश्वास रखतीं – “जो बचा सकते हैं, वो चला भी सकते हैं।”


🌟 आज मंजू जी हैं स्वस्थ, संतुलित और आत्मनिर्भर

मंजू जी आज अपने पैरो पर खड़ी हैं, यह प्रमाण है कि उनकी आस्था, उनका मन और आत्मा किसी पर्वत से कम मजबूत नहीं। वे न केवल आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं, बल्कि कई महिलाओं को भी प्रेरणा दे रही हैं कि जीवन की किसी भी परिस्थिति में विश्वास और भक्ति की शक्ति सबसे बड़ी होती है।

वो कहती हैं —
“मेरे परीक्षा तो भगवान ने खूब ली, पर जीवन, साहस और मुस्कुराहट दे दी। और ये सब मिला मुझे त्रिनेत्र गणेश जी की कृपा से।”


🕉️ त्रिनेत्र गणेश जी — केवल देवता नहीं, चमत्कारों का साक्षात स्वरूप

रणथंभौर के किले में स्थित यह विश्वप्रसिद्ध मंदिर, जहाँ गणेश जी तीन नेत्रों के रूप में विराजमान हैं, हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। यहाँ हर बुधवार को दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है, और भक्त अपने पत्रों में अपनी विनती भगवान तक पहुँचाते हैं।

यह मंदिर केवल ईश्वर का वास नहीं, बल्कि चमत्कारों की भूमि है।


💌 आपका बुलावा भी निश्चित है…

यदि आप भी जीवन में किसी समस्या से जूझ रहे हैं, किसी संकट में हैं, या किसी चमत्कार की उम्मीद रखते हैं — तो एक बार रणथंभौर आकर श्री त्रिनेत्र गणेश जी के दरबार में शीश नवाइए।
आपकी विनती सुनी जाएगी।
आपका जीवन बदलेगा।
आपका विश्वास और भी गहरा होगा।

रणतभँवर गणेश परिवार (समस्त भारत) त्रिनेत्र गणेश जी की महिमा का गुणगान और प्रचार प्रसार में निस्वार्थ भाव से लगा हुआ है। इस परिवार के चाकर हर महीने गणेश जी का गुणगान करने के लिए शुक्ल पक्ष की तीज को एकत्रित होते है और पूरी रात्रि मीठे मीठे भावो से गणेश जी को रिझा कर उनकी कृपा प्राप्त करते है। आप भी इस परिवार से जुड़कर श्री त्रिनेत्र गणेश जी कृपा के पात्र बन सकते है ।

जय गणेश

जय श्री त्रिनेत्र गणेश जी!

वक्रतुंड महाकाय, कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा॥


🔔 इस कहानी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं। शायद किसी को आज यह जानने की ज़रूरत है कि चमत्कार अभी भी होते हैं — बस विश्वास चाहिए और सच्ची भक्ति।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *